पोथीपुराण

॥ श्री रामाची आरती ॥

॥ श्री रामाची आरती ॥

 

त्रिभुवनमन्दिता माला गलन्।
आरती ओवलुं पाहुं ब्रह्मपुतला॥

श्री राम जय राम जय जय राम।
आरती ओवलुं पाहुं सुन्दर मेघश्याम॥

ठाकराचे ठाणा वारि धनुष्यबाना।
मारुति संमुखा उभा कारा जोदुना॥

श्री राम जय राम जय जय राम।
आरती ओवलुं पाहुं सुन्दर मेघश्याम॥

भरत शत्रुघ्न दोघे चमारा धलिति।
स्वर्गहुना देवा पुष्पवृष्टि कारिति॥

श्री राम जय राम जय जय राम।
आरती ओवलुं पाहुं सुन्दर मेघश्याम॥

रत्नजदिता हर वर्णु काया मुकुति।
आरती ओवलुं चौड़ा भुवनंच्य कोटि॥

श्री राम जय राम जय जय राम।
आरती ओवलुं पाहुं सुन्दर मेघश्याम॥

विष्णुदास नाम म्हाने मगातो तुतेन।
आरती ओवलुं पाहुं सीतापतितेन॥

श्री राम जय राम जय जय राम।
आरती ओवलुं पाहुं सुन्दर मेघश्याम॥

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